The Definitive Guide to treating piles in pregnancy

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हालांकि, कुछ मामलों में, पाइल्स की उपस्थिति और गंभीरता की पुष्टि करने के लिए निम्नलिखित अतिरिक्त परीक्षणों की भी सिफारिश की जा सकती है।

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ओपन सर्जरी की तुलना में बंद सर्जरी के पश्चात दर्द और रक्तस्राव के संदर्भ में अधिक लाभ हैं। इस प्रक्रिया में प्रोलैप्स, आंतरिक या बड़े बाहरी बवासीर को हटा दिया जाता है। पुनरावृत्ति दर किसी भी अन्य दृष्टिकोण की तुलना में काफी कम है।

बवासीर का सबसे अच्छा आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

बवासीर क्या है? - जानें लक्षण, कारण, प्रकार, इलाज और रोकथाम

बवासीर के लक्षण इसकी गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

आयु ४५-६५ वर्ष के बीच (सभी आयु समूहों में हो सकती है, हालांकि, इस अवधि के दौरान यह अधिक आम है)

आयुर्वेद में बवासीर को ‘अर्श’ कहा गया है। यह वात, पित्त एवं कफ तीनों दोषों के दूषित होने से होता है। इसलिए इसे त्रिदोषज रोग कहा गया है। जिस बवासीर में वात या कफ की प्रधानता होती है, वे अर्श शुष्क होते हैं। इसलिए मांसांकुरों में से स्राव नहीं होता है। जिस अर्श में रक्त या पित्त या रक्तपित्त की प्रधानता होती है, वे आर्द्र अर्श होते है। इसमें रक्तस्राव होता है। शुष्क अर्श में पीड़ा अधिक होती है।

जैतून के तेल में सूजन ठीक करने वाले गुण होते हैं। यह रक्तवाहिकाओं में आई सूजन को कम करता है। जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएं।

क्या कोई अलग ध्यान रखने वाले कदम है जो मदद कर सकते हैं?

छाछ को बवासीर में अमृत माना जाता है। इसमें काला नमक और भुना हुआ जीरा मिलाकर पिएं। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज check here को दूर करता है।

वजन उठाना: भारी वजन उठाने से भी गुदा की नसों पर दबाव बढ़ सकता है।

सिट्ज़ स्नान बवासीर के दर्द, जलन, और सूजन में राहत प्रदान करता हैं, लेकिन इसके साथ अन्य उपचार की भी आवश्यकता होती है।

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